ग्रामीण भारत को गरीबी से मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुवाहाटी, असम में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि सरकार कई योजनाओं को मिलाकर गांवों का व्यापक विकास करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार “हर घर पक्का घर”, रोज़गार के अवसर, महिला सशक्तिकरण और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर ज़ोर दे रही है ताकि देश के गांव आत्मनिर्भर बनें और गरीबी से बाहर निकलें।
पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत असम को 3.76 लाख और घर मिलेंगे
कार्यक्रम में सबसे बड़ी घोषणा यह रही कि असम राज्य के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) के अंतर्गत 3.76 लाख नए पक्के घरों की मंजूरी दी गई है। इससे पहले, कार्यक्रम में 55,000 घरों की चाबी लाभार्थियों को सौंपी गई।
PMAY-G योजना का उद्देश्य हर गरीब ग्रामीण परिवार को पक्का घर मुहैया कराना है जिसमें बिजली, गैस और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं हों।
अधिक जानकारी और आवेदन के लिए PMAY-G की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
लखिमी मिस्त्री’ योजना: अब महिलाएं बनेंगी मिस्त्री
चौहान ने ‘लखिमी मिस्त्री’ नामक एक नई योजना की शुरुआत की जो ग्रामीण महिलाओं को राजगीरी (मेसनरी) का प्रशिक्षण देगी। इस योजना का मकसद महिलाओं को हुनर सिखाकर उन्हें रोजगार के योग्य बनाना है और निर्माण क्षेत्र में भी उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाना है।
उन्होंने कहा, “गांव की आधी आबादी महिलाएं हैं, उन्हें सशक्त किए बिना गांव आगे नहीं बढ़ सकते।”
महिला सशक्तिकरण से जुड़ी अन्य योजनाएं जैसे महिला शक्ति केंद्र भी इसी दिशा में काम कर रही हैं।
रोजगार और आधारभूत ढांचे से होगा असली बदलाव
शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि सिर्फ घर देना ही काफी नहीं, गांवों को गरीबी से निकालने के लिए रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी ज़रूरी है। इसके लिए सरकार निम्नलिखित योजनाओं पर ध्यान दे रही है:
- मनरेगा (MGNREGA) के ज़रिए 100 दिन का रोज़गार
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना (NSAP) से बुज़ुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को मदद
- गांवों में सड़कें, पेयजल और स्वच्छता जैसी सुविधाओं का विस्तार
मनरेगा कार्ड या लाभ जानने के लिए nrega.nic.in पर जाएं।

प्रधानमंत्री मोदी के ‘हर गांव विकास’ विज़न का हिस्सा
चौहान ने कहा कि ये सभी प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न का हिस्सा हैं जिसमें हर ग्रामीण परिवार को सम्मानपूर्वक जीवन देने का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालयों के बीच समन्वय बनाकर और राज्यों के साथ मिलकर ये योजनाएं ज़मीन पर उतारी जा रही हैं ताकि हर गांव का समग्र विकास हो सके।
गांवों के लिए क्या है इस योजना का मतलब?
इस घोषणा से उन लाखों परिवारों को उम्मीद मिली है जो अब भी पक्के घर, रोजगार या सामाजिक सुरक्षा का इंतजार कर रहे हैं। सरकार की योजना “कल्याण योजनाओं के मेल” से गांवों को गरीबी से स्थायी रूप से बाहर निकालने की है।
इससे गांवों से शहरों की ओर पलायन घटेगा, स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और सामाजिक ढांचा और सशक्त बनेगा।
निष्कर्ष
सरकार की यह नई पहल गांवों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। घर, नौकरी और प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण भारत में बदलाव की बयार लाने की कोशिश हो रही है।
यदि आप इन योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं या अपने गांव में इनका विस्तार चाहते हैं, तो नीचे दी गई आधिकारिक वेबसाइट्स पर जानकारी लें
अब आपकी बारी है — इन योजनाओं का लाभ उठाएं और अपने गांव को गरीबी-मुक्त बनाने में भागीदार बनें।