भारत चीन सीमा विवाद मामले में आज एक नया मोड़ आ गया है। भारत ने अपनी कुटनीति के जरिए चीनी शासन को घूटने पर ला खड़ा किया है। अब तक जो चीन किसी भी जगह से पीछे नहीं हटता था लेकिन मोदी सरकार ने यह कारनामा करके दिखा दिया है। गलवान घाटी में चीन ने अपनी सेना को 2 किलोमीटर वापिस बुला लिया है। चीनी सरकार ने यह कदम मोदी जी के लद्दाख दौरे के दो दिन के भीतर ही लिया है। हालांकि इसके पीछे एक कारण राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी हैं। दरअसल अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की वीडियो कॉन्फ्रेंस हुई है है इसी कॉन्फ्रेंस के बाद चीन ने यह कदम उठाया है।
आपको बता दे बीते सप्ताह ही मोदी जी अचानक लद्दाख पंहुच गए थे। यंहा उन्होंने हालातों का जायजा लिया और जवानों को संबोधित भी किया। मोदी जी के इस कदम के बाद भारतीय आर्मी पूरी तरह ऊर्जा से भर गई है। इस बीच वह गलवान घाटी में घायल हुए जवानों से भी मिले।
रविवार को हुई वीडियो कॉल
बताया जा रहा है कि चीन की विदेश मंत्री वांग यी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच यह वीडयो कॉल रविवार को हुई थी। इस बीच चीन ने बड़ी नर्मी से शांति बहाल करने की बात कही। जिस पर अजित डोभाल ने हां भी की। दोनो देशों के बीच हुई इस बातचीत के बाद चीन ने अपनी सेना को गलवान से 2 किमी पीछे बुला लिया है।
- भविष्य में ऐसे माहौल फिर से पैदा ना हो इसे ध्यान में रखते हुए 4 अहम बातों पर सहमति भी बनी है।
- बॉर्डर पर शांति रखने और रिश्तो को आगे बढ़ाने के लिए दोनो देश आपस में ताल मेल बना कर रखें। अगर विचार मेल ना भी खाएं तो विवाद खड़ा नहीं होना चाहिए।
- एलएसी पर सेना हटाने और डी-एक्स्क्लेशन की प्रोसेस जल्द से जल्द पूरी हो जाए। यह काम फोज वाइज किया जाए।
- दोनों ही देश एलएसी का सम्मान करें और एक तरफा कदम ना उठाएं। भविष्य में सीमा पर माहौल बनाए रखने के लिए और घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर काम करें।
- एनएसए डोभाल और चीन विदेश मंत्री आगे भी बातचीत जारी रखेंगे, ताकि दोनो देशों के समझौतों के मुताबिक सीमा पर शांति रह और प्रोटोकॉल बना रहे।
इन जगह पर भारत और चीन का विवाद
ज्ञात हो की साल 2020 में मई महीने से ही भारत और चीन के बीच तनाव शुरू हो गया था। इस बीच दोनो सेनाएं कई बार आमने सामने हुई, एक दूसरे पर पथराव किया गया। वंही 20 दिन पहले झड़प इतनी भयंकर थी की इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। जबकि चीन के 43 से अधिक सैनिक शहीदी हो गए थे। लेकिन अब इस समझौते के बाद चीन ने अपनी सेना को गलवान घाटी से 2 किलोमीटर हटा लिया है। उसने टेंट और अस्थाई निर्माण हटा लिए हैं। हालांकि, गलवान के गहराई वाले इलाकों में चीन की बख्तरबंद गाड़ियां अब भी मौजूद हैं। लद्दाख में भारत-चीन के बीच 4 पॉइंट्स पर विवाद है। ये पॉइंट- पीपी-14 ,पीपी-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया हैं। भारतीय सेना सभी पॉइंट पर नजर रख रही है।