दुनिया में कोरोना को आए 6 महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है और अब तक इसने ना जाने कितने ही बेगुनाह लोगों को मौत की नींद सुला दिया है। लेकिन अब कोरोना के दिन खत्म होने वाले हैं, क्योंकि अब इस भयंकर महामारी की वैक्सीन बाजार में आने वाली है। यह कारनामा करके दिखाया है रूस ने। रूस की सेचेनोव यूनिर्वसिटी का दावा है कि दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली गई है। इस वैक्सीन का नाम Gam-COVID-Vac Lyo रखा गाय है। यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वैक्सीन का ट्रायल इंसानों पर अब पूरा हो चुका है (Corona Vaccine Gam-COVID-Vac Lyo)।
Russia Made Corona Vaccine Gam-COVID-Vac Lyo
सेचनोवा यूनिर्वसिटी के इस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी एंड वेक्टर-बॉर्न डिसीज के डायरेक्टर लुकाशेव का कहना है। हमारा मकसद इंसानों को सुरक्षा देने के लिए कोविड19 की वैक्सीन को सफलतापूर्वक तैयार करना था। उन्होने आगे कहा कि सुरक्षा के लिहाज से सारी जांच की जा चुकी है। उम्मीद है कि हमे जल्द ही परमिशन मिल जाए और सिंतंबर तक इस वैक्सीन को बाजार में उतारा जा सके।
वैक्सीन तैयार करने वाले गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के डायरेक्टर अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने रूस के मंत्रालय को वैक्सीन से जुड़ी जानकारी देते हुए कहा कि यह वैक्सनी ना केवल लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करेगी बल्कि इसके डोज इतने प्रभावशाली है कि एक बार वैक्सीन लगने के बाद 2 साल तक यह कोरोना से बचा कर रखेगी।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी (Corona Vaccine Gam-COVID-Vac Lyo)
इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तरासोव के मुताबिक, गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने Corona Vaccine Gam-COVID-Vac Lyo वैक्सीन तैयार की थी। रशियन न्यूज एजेसी TASS के द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक इसका पहले चरण का ट्रायल 18 जून से शुरू हुआ था जिसमें 18 वॉलंटियर शामिल हुए थे। वंही दूसरे चरण का ट्रायल 23 जून को किया गया था इसमें20 वॉलंटियर शामिल किए गए थे।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि वैक्सीन में वॉलंटियर के दो समूह शामिल किए गए हैं और ट्रायल 15 जुलाई को खत्म होगा। 13 जुलाई को दूसरे समूह के वॉलंटियर में वैक्सीन का दूसरा हिस्सा इंजेक्ट किया जाएगा। जो इन्हे लंबे समय तक इम्युनिटी देगा।
रक्षा मंत्रालय की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि पहले ट्रायल समूह में ज्यादातर सर्विसमैन शामिल थे। इसके अलावा महिलाओं और 10 हेल्थ वर्करों को भी इसी समूह में रखा गया था। वंही दूसरे समूह में शहर के नागरिकों को शामिल किया गया था।
नई एंटीवायरल दवाई
इसके अलावा रूस ने एक और दवाई बनाई है जो कोरोना से लड़ने में मदद करती है। यह एक नई एंटीवायरल दवा है इसका नाम कोरोनाविर रखा गया है। इसका क्लिनिकल ट्रायल सफल रहा है जिसके बाद मरीज़ों पर इसके इस्तेमाल की अनुमति देदी गई है। यह नई दवाई कोरोना वायरस की संख्या को बढ़ने से रोकता है।कोरोनाविर बनाने वाली कंपनी का दावा है कि यह दवाई सीधा कोरोना की जड़ पर असर करती है। यह इस वायरस को आगे बढ़ने से रोकती है, जिसका फायदा यह होगा कि संक्रमित व्यक्ति से यह किसी दूसरे व्यक्ति पर नहीं पंहुच पाएगा।