कैसे मिलेगा लैंड आधार नंबर

क्या है 2022 के बजट में जमीन मालिकों से जुड़ी बात

केंद्र सरकार वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन योजना के तहत जमीनों के लिए एक यूनिक पहचान नंबर ULPIN अर्थात Unique Land Parcel Identification Number जारी करने की तैयारी में है। 2022 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि लैंड/भूमि का डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड रखा जाएगा, इसके लिए IP बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा।

One Nation One Registration 2022

डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के फायदे

डिजिटल लैंड रिकॉर्ड रखने के कई तरह से फायदे होंगे जैसे इनमें सेंटर ऑफ रिकॉर्ड,  कलेक्शन ऑफ रिकॉर्ड, कन्वीनियंस ऑफ रिकॉर्ड जिससे आमजन को काफी फायदा पहुंचेगा। आप की जमीन का एक 14 डिजिट का ULPIN या यूनिक नंबर जारी होगा जिसे एक प्रकार से जमीन का आधार नंबर/ Land Aadhar number भी कह सकते हैं।

ULPIN क्या है?

जमीन मालिकों को आधार नंबर की तरह ही जमीन की भी 14 अक्षरों एवं अंको की(Alpha-Numeric) पहचान संख्या दी जाएगी। इसे विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या(ULPIN) कहा जाएगा। यह सभी बैंकों एवं सरकारी संस्थाओं के पास उपलब्ध होगा। जिस तरह से आधार कार्ड से व्यक्ति की पहचान होती है उसी तरह जहां भी जमीन की पहचान की जरूरत होगी, वहाँ यूएलपीआईएन बताकर काम होगा। ULPIN क्षैतीज (Longitude) और दंडवत(Latitude) के आधार पर बनाया जाएगा।

ULPIN के लाभ

  • जमीन का ब्यौरा जुटाने के लिए रेवेन्यू ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे।  एक नंबर से जमीन के क्रय विक्रय का हर ब्यौरा उपलब्ध हो जाएगा। आप घर बैठे ही ऑनलाइन लैंड रिकॉर्ड देखा जा सकेगा एवं प्रिंट भी किया जा सकेगा। जमीन विवाद के मामले घटेंगे।
  • सरकार ने आधार को ULPIN से जोड़ने के लिए प्रति रिकॉर्ड ₹3 और आधार सीडिंग प्लस प्रमाणीकरण के लिए प्रति रिकॉर्ड ₹5 के वित्तीय खर्च की योजना बनाई है। 

एक क्लिक में मिलेगी जमीन की पूरी जानकारी

  • केंद्र सरकार ने मार्च  2023 तक देश भर के लैंड रिकॉर्ड को डिजिटल करने का लक्ष्य रखा है। आने वाले दिनों में महज एक क्लिक पर आपके जमीन से संबंधित दस्तावेज आपके सामने होंगे। देश में कहीं भी किसी भी जगह पर आप अपनी जमीन से संबंधित जानकारी हासिल कर पाएंगे।

क्रय विक्रय में नहीं होगी परेशानी

  • ULPIN के जरिए जमीन के क्रय विक्रय में कोई परेशानी नहीं होगी, जमीन के क्रेता और विक्रेता की पूरी डिटेल सबके सामने होगी। भविष्य में अगर उस जमीन का बंटवारा भी किया जाता है तो उस जमीन का भी आधार नंबर अलग हो जाएगा।
  • डिजिटल रिकॉर्ड होने से सबसे पहले जमीन की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी मिल जाएगी। जमीन की पैमाइश ड्रोन कैमरे से की जाएगी, जिसमें गलती की गुंजाइश ना के बराबर होगी। डिजिटल रिकॉर्ड होने से कोई भी व्यक्ति अपने शहर के कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर अपनी जमीन की जानकारी ले सकेगा।

अभी कैसे रखा जाता है लैंड रिकॉर्ड

अभी जमीन का मूल रिकॉर्ड रेवेन्यू और रजिस्ट्री ऑफिस में उपलब्ध होते हैं। पुश्तैनी जमीनों के मामले में रिकॉर्ड अपडेट ना के बराबर होते हैं। जिससे कानूनी विवादों के मामले बढ़ते चले जा रहे हैं।भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी रिकॉर्ड में घालमेल करके विवाद को और बढ़ा देते हैं ग्रामीण इलाकों में किसी की भी जमीन के दस्तावेजों से छेड़छाड़ होने की आशंका बनी रहती है।

लेकिन, अब डिजिटल लैंड रिकॉर्ड से इस प्रकार के समस्याओं पर नियंत्रण किया जा सकेगा

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न

One Nation One Registration से क्या आशय है?

यह जमीनों की पहचान के लिए एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करने की योजना है।

ULPIN का पूरा नाम क्या है?

ULPIN अर्थात Unique Land Parcel Identification Number.

ULPIN  संख्या क्या है?

उ-ULPIN जमीनों की पहचान के लिए 14 अंकों एवं अक्षरों की एक पहचान संख्या दी जाएगी।