दुनिया भर से अभी कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट(Omicron Variant) का खतरा टला नहीं है, इसी के बीच एक नए वेरिएंट का पता चला है। चीन के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आया वेरिएंट नियोकोव (NeoCov variant/strain) सबसे ज्यादा तेजी से फैल सकता है और यह काफी घातक भी साबित हो सकता है। चाइनीस एकेडमी ऑफ साइंसेज एंड वुहान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में कहा है कि यह वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ़्रीका में चमगादड़ो में पाया गया और यह वेरिएंट अभी तक इन्हीं जानवरों के बीच फैल रहा था। रिसर्च में कहा गया है कि फिलहाल Neo Cov strain मनुष्यों को संक्रमित नहीं कर रहा है।
जिस नियो कोव (Neo cov) शब्द का उपयोग वायरस के एक वेरिएंट के रूप में हो रहा है वह MERS-cov से जुड़ा है जो कोरोना फैमिली का ही एक हिस्सा है।
कोरोनावायरस(Coronavirus) क्या है?
कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से हैं जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके संक्रमण के मुख्य लक्षण है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसीलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है।
सार्स वायरस का परिचय:
लगभग 18 साल पहले सार्स वायरस से भी ऐसा ही खतरा बना था। 2002-03 में सार्स वायरस की वजह से पूरी दुनिया में 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। पूरी दुनिया में हजारों लोग से संक्रमित हुए थे। इसका असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ा था।
कैसे पता चला NeoCov वायरस के बारे में:
दक्षिण अफ्रीका में यह वायरस एक चमगादड़ में मिला है। यह वायरस सिर्फ जानवरों के बीच फैलने के लिए जाना जाता है लेकिन वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह इंसानों में भी फैल सकता है।
नियोकोव वेरिएंट(NeoCov Variant) के लक्षण:
यह वायरस बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, जैसे लक्षणों के मामले में कोरोनावायरस(coronavirus) के समान ही है।
कितना खतरनाक है Coronavirus New Strain?
फिलहाल NeoCov( नियो कोव) मनुष्य को संक्रमित नहीं कर रहा है हालांकि यह वेरिएंट कोरोनावायरस से ही संबंधित है ऐसे में आगे चलकर इसमें कोई विकास होता है तो यह इंसानों के लिए सबसे घातक साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि नियो कोव मर्स कोरोनावायरस से संबंधित है जो इंसानों में सर्दी से लेकर गंभीर श्वसन सिंड्रोम तक की बीमारियों का कारण बन सकता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि एक बार रूप बदलने के बाद यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए वायरस को केवल एक म्यूटेशन की जरूरत होती है। बताया जा रहा है कि इस वायरस से संक्रमित हर तीन में से एक व्यक्ति की मौत हो सकती हैं। रिसर्च के नतीजों के आधार पर बताया गया है कि इस वायरस का संक्रमण और मृत्यु दर काफी तीव्र है।
अगर यह वायरस इंसानों में फैलता है तो वैक्सीन या पहले संक्रमण से बने एंटीबॉडी भी इस पर कारगर असर नहीं कर पाएगी ऐसे में यह मौजूदा कोरोनावायरस से भी अधिक तेजी से फैल सकता है और काफी घातक साबित हो सकता है।
NeoCov वायरस(virus) से बचाव के उपाय:
स्वास्थ्य मंत्रालय में वायरस से बचने के लिए जो दिशा निर्देश जारी किए हैं इसके अनुसार:
- हाथों को बार-बार साबुन से धोएं।
- अल्कोहल आधारित हैण्ड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
- खांस्ते एवं छीकते समय नाक और मुंह को रुमाल या टिशू पेपर से ढककर रखें।
- जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण है उनसे दूरी बनाए रखें।
- अंडे और मांस के सेवन से बचें।
- जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न:
1) नियोकोव वेरिएंट(NeoCov Variant) की उत्पत्ति सर्वप्रथम किन में पाई गई?
उ- इस वेरिएंट को सर्वप्रथम दक्षिण अफ्रीका के चमगादड़ो में पाया गया।
2) रिसर्च के अनुसार NeoCov Variant के क्या लक्षण बताए जा रहे हैं?
उ- बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ आदि जो कि कोरोनावायरसके समान ही है।
3) क्या यह वायरस किसी इंसान में पाया गया है?
उ- वर्तमान समय तक हुए शोध के अनुसार यह वायरस अभी तक किसी इंसान में नहीं पाया गया है।