देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI Bank) ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 28- 29 मार्च को 2 दिन की March Bank Strike का आवाह्न किया है। इससे बैंक सेवाओं पर असर पड़ सकता है। इस मार्च बैंक हड़ताल (March Bank Strike 2022) की घोषणा सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बैंक कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में की गई है।

March Bank Strike क्या हैं?

Bank Strike March 2022

SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) के अनुसार भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने उसे इस बारे में सूचित किया। ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीए), बैंक एम्पलाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन (एआईबीओए) ने नोटिस देकर देशव्यापी हड़ताल पर जाने के फैसले के बारे में जानकारी दी है। 

हमारे देश में समय-समय पर विभिन्न प्रकार के कानून आने और कानून में होने वाले संशोधन को लेकर विरोध प्रकट करने हेतु बैंक कर्मचारी अलग-अलग प्रकार से हड़ताल करते रहते हैं। जिसके माध्यम से वे सरकार को यह दर्शना चाहते हैं कि सरकार द्वारा किया गया संशोधन और लाया गया नया कानून बैंक कर्मचारियों एवं बैंकिंग क्षेत्र के लिए हानिकारक हो सकता है।  कई बार इन हड़ताल, रैलियों और विरोध प्रदर्शन से उन्हें लाभ भी पहुंचता है और कई बाहर उनकी यह कोशिश सरकार के आगे असफल रहती है। क्योंकि सरकार वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की स्थितियों का आकलन करके विभिन्न नियमों को लागू करती है। और बैंकिंग क्षेत्र के अतिरिक्त दूसरे क्षेत्रों और देशवासियों की अन्य सुविधाओं को मद्देनजर रखते हुए सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ते हैं। बैंक निजीकरण (Bank Privatization) को लेकर कुछ महीनों पहले बैंक ऑफ बडौदा/Bank Of Baroda ने भी विरोध प्रदर्शन किया था और उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंक अब अपना विरोध प्रदर्शन हड़ताल के माध्यम से करने जा रही हैं।

वर्तमान समय में विभिन्न संस्थानों जैसे कि एलआईसी/LIC, रेलवे/Railway निजीकरण की सरकार की सोच का लोग विरोध कर रहे हैं। निजी करण कि यह प्रक्रिया सरकार किस उद्देश्य से अपना रही है और देश में आने वाले समय में देशवासियों को इससे कितना लाभ और कितना नुकसान पहुंचता है इसका शत प्रतिशत अनुमान लगाना अभी मुश्किल है। परंतु हम यह मान सकते हैं कि यदि इस तरह की संस्थाओं में सरकार ने दखल देना बंद कर दिया तो इन से मिलने वाली सुविधाएं गरीब वर्ग को बड़ी मुश्किल से ही मिल पाएंगी। 

भारतीय स्टेट बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा की बैंक हड़ताल के दिनों में अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है लेकिन यह आशंका है कि हड़ताल से बैंक में कामकाज कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है।

मार्च बैंक हड़ताल के कारण:

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और आईडीबीआई बैंक/IDBI bank की बिक्री के सरकार के फैसले से नाराज कर्मचारी यूनियंस ने इस Bank Strike का आवाहन किया है।
  • कर्मचारी यूनियंस ने सरकार के सामने फाइव वर्किंग डे, चाइल्ड केयर लीव, नेशनल पेंशन सिस्टम को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना की शुरुआत जैसी मांगे रखी है।
  • सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब नहीं मिलने के बाद कर्मचारी संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

March Bank Strike से संबंधित तथ्य:

  • इस दो दिवसीय हड़ताल में एआईयूटीयूसी/AIUTUC ( ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर) ,सीटू/ CITU( सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन) समेत दर्जनों ट्रेड यूनियन संयुक्त बैंक कर्मचारी यूनियन किसान यूनियन मजदूर यूनियन शामिल होंगे।
  • पहले यह हड़ताल 23 फरवरी और 24 फरवरी को होने वाली थी, जिसे टालकर मार्च में कर दिया गया।
  • बैंक कर्मचारियों के शामिल होने के कारण 28 और 29 मार्च को बैंक हड़ताल के कारण बैंकिंग सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
  • हालांकि बैंकों की ओर से यह कहा गया है कि वह इस हड़ताल से बैंक सुविधाओं को अप्रभावित रखने की पूरी कोशिश करेंगे।
  • हड़ताल के दौरान एटीएम सर्विस, ऑनलाइन और डिजिटल बैंकिंग सेवाएं प्रभावित नहीं होगी।

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न:

1) मार्च बैंक स्ट्राइक किन तारीखों में होगी?

उ- देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 28 मार्च एवं 29 मार्च 2 दिन की बैंक हड़ताल का आवाहन किया है।

2) बैंक हड़ताल का क्या कारण है?

उ- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण आईडीबीआई बैंक की बिक्री के सरकार के फैसले से नाराज कर्मचारि यूनियन ने इस बैंक स्ट्राइक का आवाहन किया है। इसके अतिरिक्त फाइव वर्किंग डे चाइल्ड केयर लीव नेशनल पेंशन योजना को खत्म करना जैसी मांगे भी सरकार के सामने रखी है।

3)इस बैंक स्ट्राइक में कौन कौन शामिल हैं?

उ- इस 2 दिवसीय हड़ताल में AIUTUC एवं CITU समेत दर्जनों ट्रेड यूनियन संयुक्त बैंक कर्मचारी यूनियन किसान यूनियन मजदूर शामिल होंगे।