गोवर्धन पूजा 2022 – Arti, Pooja Mahurat & Vidhi

ज्यादातर गोवर्धन पूजा का दिन दिवाली के अगले दिन पड़ता है। लेकिन इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को और गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी। यह दिवाली के एक दिन बाद 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्य ग्रहण के कारण है। चूंकि ग्रहण दिवाली के एक दिन बाद और शाम 4 बजे शुरू होता है, इसलिए ‘सूतक योग’ 25 अक्टूबर को सुबह 4 बजे शुरू होगा।

सूर्य ग्रहण का समय:

  • सिलीगुड़ी 16.41
  • दिल्ली 16.29
  • जैसलमेर 16.26 घंटे
  • मुंबई 16.49
  • नागपुर 6.49
  • बेंगलुरु 17.12
  • चेन्नई 17:14।

इसके अलावा सूतक काल के कारण ग्रहण के अगले दिन गोवर्धन पूजा होगी। सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिर बंद रहेंगे। ग्रहण काल ​​में लोगों को घर में ही पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ग्रहण के बाद उन्हें घर को गंगा जल से साफ करना चाहिए।

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गेहूं, चावल, बेसन से बनी सब्जी और पत्तेदार सब्जियों जैसे अनाज से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है।

गोवर्धन पूजा बुधवार 26 अक्टूबर 2022 को होगी: सुबह 06:36 से 08:55 बजे तक, अवधि – 02 घंटे 18 मिनट।

गोवर्धन आरती

आरती श्री गोवर्धन महाराज की

श्री गोवर्धन महाराज, हे महाराज, तेरे माथे मुकुट विराजा रहो

टोपे पान चढे टोपे फूला चढे, टोपे चढे दूध की धारा

तेरे माथे मुकुट विराजा रहो

तेरी सात कोसा की परिक्रमा, चकलेश्वर है विश्राम

तेरे माथे मुकुट विराजा रहो

तेरे गले में कांथा साजा रहो, थोड़ी पे हीरा लाल

तेरे माथे मुकुट विराजा रहो

तेरे काना कुंडला चमका रहो, तेरी झाँकी बनी विशाल

तेरे माथे मुकुट विराजा रहो

गिरिराज धारणा प्रभु तेरी शरण, करो भक्त का बेड़ा परी

तेरे माथे मुकुट विराजा रहो